The 2-Minute Rule for baglamukhi shabhar mantra



जातवेद-मुखीं देवीं, देवतां प्राण-रूपिणीम् । भजेऽहं स्तम्भनार्थं च, चिन्मयीं विश्व-रूपिणीम् ।।

इन दो बगला-शाबर मन्त्रों के अतिरिक्त भी एक अन्य शाबर मंत्र गुरु-प्रसाद स्वरूप हमें प्राप्त हुआ था, जिसका उल्लेख मैं यहाँ कर रहा हूं। इस मन्त्र का विधान यह है कि सर्वप्रथम भगवती का पूजन करके इस मन्त्र का दस हजार की संख्या में जप करने हेतु संकल्पित होना चाहिए। तदोपरान्त एक निश्चित अवधि में जप पूर्ण करके एक हजार की संख्या में इसका हवन ‘मालकांगनी’ से करना चाहिए। तदोपरान्त तर्पण, मार्जन व ब्राह्मण भोजन कराना चाहिए। तर्पण गुड़ोदक से करें। इस प्रकार इस मन्त्र का अनुष्ठान पूर्ण होता है। फिर नित्य-प्रति एक माला इस मन्त्र की जपते रहना चाहिए। इस मन्त्र का प्रभाव भी अचूक है अतः निश्चित रूप से साधक के प्रत्येक अभीष्ट की पूर्ति होती है। मन्त्र इस प्रकार है

पीताम्बराऽऽभरण-माल्य-विभूषिताङ्गीम्, देवीं नमामि धृत-मुदगर -वैरि-जिह्वाम् ।।१

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

Please have a second and give us your valuable comments regarding your previous session. Your feed-back may help us to improve

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद स्वाहा॥

पीताम्बरालंकृत-पीत-वर्णां, सप्तोदरीं शर्व-मुखामरार्चिताम् ।

ऊर्ध्व-केश-जटा-जूटां, कराल-वदनाम्बुजाम् । मुद्गरं दक्षिणे हस्ते, पाशं वामेन धारिणीम् ।।

But it is the absolute efficiency with the Shabar Mantra which includes captured plenty of devotees, not its simplicity. These mantras are considered to be full of the great ability of numerous gods and goddesses.

• Gets rid of many of the sorrows and provides self confidence, fearlessness and bravery.• Fills the minds and hearts from the devotees that has a optimistic Power to move the results route• Gets rid of the debts and improves prosperity in your house• Worry of enemies is eliminated as well as devotee experiences an excellent degree of comfort and ease in your mind. The enemies will no much more have the capacity to confront you.

शाबर मंत्रों को साधने के विघान कुछ विशेष ही होते है। कुछेक जल में रह कर, कुछ शमशान तिराहे पर, चौराहे पर यहाँ सहज ही सरल विधान दे रहे हैं, किसी भी मंगलवार, इतवार,बृहस्पतिवार या अस्टमी को एक दीपक में सरसों के तेल, मीठे तेल या शुद्ध घी के साथ एक चुटकी हल्दी के साथ यह दीपक जलाकर व साघक साधना के समय पिले वस्त्रों को धारण करें और पीला तिलक लगा कर देवी चित्र या मूर्ति का पूजन हल्दी से करें व पीले पुष्प चढ़ाएं और दीपक की लौ में भगवती का ध्यान कर बगलामुखी के मंत्र का एक हजार बार तीनों शाबर मत्रं से कोई भी एक का जप करें तथा पिला ही get more info भोग लगावें इस प्रकार ४३ दिवस तक करने से कार्य में अवश्य ही विजयी प्राप्ति होती है यहा केई बार तो चार ,छै: दिनों में ही सफलता हाथ लगती है।

शमशान भूमि पर दक्षिण दिशा की तरफ़ एक त्रिकोण बना कर त्रिकोण के मध्य में शत्रू का नाम उच्चारण करते हुए लोहे की कील ठोकने पर शत्रू को कष्ट प्राप्त होता है,

पीताम्बर-धरां देवीं, पीत-पुष्पैरलंकृताम् । बिम्बोष्ठीं चारु-वदनां, मदाघूर्णित-लोचनाम् ।।

Also, so that you can get The entire vibe and the appropriate Power with the Baglamukhi mantras, it ought to be performed in a correct method. The early morning is the greatest time for chanting the mantras.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *